क्या आप कब्ज से परेशान हैं और आयुर्वेदिक समाधान ढूंढ रहे हैं? तो आपने शायद इच्छाभेदी रस का नाम सुना होगा। यह एक अत्यंत शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है जिसका मुख्य काम पेट का शुद्धिकरण करना है। इस लेख में, हम इच्छाभेदी रस के फायदे, सेवन विधि, घटक, और उससे जुड़ी सभी जरूरी सावधानियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
Table of Contents
Toggle
इच्छाभेदी रस क्या है?
इच्छाभेदी रस एक आयुर्वेदिक औषधि है जो गोलियों के रूप में आती है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से पेट के शुद्धिकरण और तीव्र कब्ज को दूर करने के लिए किया जाता है। जब कब्ज के कारण मल आँतों में जमा हो जाता है, तो यह शरीर में आमविष (विषाक्त पदार्थ) फैला सकता है। इच्छाभेदी रस पेट और आँतों से अपक्व मल और आमदोष को बाहर निकालकर शरीर को साफ करने में मदद करता है।
इसका मुख्य घटक जमालगोटा (जयपाल) होता है, जो एक बहुत ही तीक्ष्ण विरेचक (purgative) है। इसीलिए इसका सेवन बहुत सावधानीपूर्वक और किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए।
इच्छाभेदी रस के घटक द्रव्य
इच्छाभेदी रस को शक्तिशाली बनाने के लिए इसमें कई जड़ी-बूटियों और खनिजों का मिश्रण होता है। प्रमुख घटक इस प्रकार हैं:
जमालगोटा (Jayapala): यह एक शक्तिशाली रेचक है जो पेट की सफाई करता है।
शुद्ध पारा (Shuddha Parada): यह एक आयुर्वेदिक शुद्धिकरण प्रक्रिया से गुजारा हुआ घटक है।
शुद्ध गंधक (Shuddha Gandhaka): यह भी आयुर्वेदिक औषधियों में प्रयोग होने वाला एक महत्वपूर्ण खनिज है।
शुद्ध टंकण (Shuddha Tankana): यह सोहागे का फूला है जो औषधि की शक्ति को बढ़ाता है।
सोंठ (Shunthi): यह पाचन को सुधारने में मदद करती है।
मरिच (Maricha): यह औषधि की तीक्ष्णता और प्रभाव को बढ़ाता है।
निम्बू का रस (Nimbu Ras): यह औषधि को संस्कारित करने में इस्तेमाल होता है।
इच्छाभेदी रस के फायदे (Benefits)
यह औषधि मुख्य रूप से पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल होती है:
गंभीर कब्ज को दूर करे: यह पेट के शुद्धिकरण के लिए सबसे असरदार दवा मानी जाती है। यह उन मामलों में फायदेमंद है जहाँ सामान्य जुलाब (laxatives) काम नहीं करते।
कुपित कफ और वात से छुटकारा: यह औषधि वात और कफ दोषों को शांत करने में मदद करती है, जिससे गैस, पेट में वायु भरने और साँस की तकलीफ जैसी समस्याओं में आराम मिलता है।
कई रोगों की चिकित्सा से पहले पेट साफ़ करने हेतु: इच्छाभेदी रस का प्रयोग कई बीमारियों की चिकित्सा शुरू करने से पहले शरीर को शुद्ध करने के लिए किया जाता है, जैसे:
पेट में कृमि की समस्या
त्वचा और रक्त दोष
श्वास रोग और खांसी
गुल्म रोग (पेट में गांठ) और शूल
उदर रोग और मलावरोध
जलोदर और अन्य कफ जनित रोग
इच्छाभेदी रस सेवन विधि और मात्रा
इच्छाभेदी रस का सेवन अत्यधिक सावधानी के साथ करना चाहिए।
खुराक: पूरी उम्र (वयस्क) के लिए 1 टैबलेट। बहुत बड़े कोष्ठ (मजबूत पाचन तंत्र) वाले लोग 2 टैबलेट ले सकते हैं।
लेने का तरीका: सुबह खाली पेट ताजे पानी या मिश्री के शर्बत के साथ 1-2 गोली लें।
दवा के बाद: गोली खाने के बाद दस्त शुरू होने पर, एक दस्त के बाद दो-तीन घूंट ठंडा पानी पी लें। जितने घूंट पानी पिएंगे, उतने ही दस्त आएंगे।
दस्त रोकने के लिए: दस्त को बंद करने के लिए गरम पानी पी लें।
इच्छाभेदी रस के सेवन में कुछ ध्यान रखने योग्य बातें
यह दवा बहुत शक्तिशाली है, इसलिए निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना अनिवार्य है:
डॉक्टर की सलाह: इसे हमेशा किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में ही लेना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
कमजोर लोग: नाजुक स्त्री, पुरुष, और बच्चों को इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
गर्म पानी: दवा के सेवन से पहले या बाद में ठंडा पानी बिल्कुल न पिएं। जब तक दस्त न रुक जाए तब तक ठंडा पानी और कोई भी ठंडी चीज न लें।
दही-चावल: दस्त बंद होने के बाद दही-भात, मट्ठा-भात, या घी और चावल-मूंग की खिचड़ी खाएं।
पुराने रोग: नूतन ज्वर, अतिसार, पुरानी कब्ज, और बार-बार आफरा आने वाले रोगियों को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
रोगानुसार प्रयोग तालिका
रोग | लाभ | सेवन |
गंभीर कब्ज | पेट और आँतों का शुद्धिकरण | चिकित्सक की देखरेख में |
कुपित कफ और वात | कफ और वायु का शमन | चिकित्सक की देखरेख में |
श्वास रोग, खांसी | कफ को बाहर निकालने में सहायक | चिकित्सा से पहले |
उदर रोग, जलोदर | जमे हुए मल और विषाक्त पदार्थों को हटाना | चिकित्सा से पहले |
उत्पाद कहाँ से खरीदें?
आप इस उत्पाद को किसी भी विश्वसनीय आयुर्वेदिक स्टोर से या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीद सकते हैं।
Ichhabhedi Ras 40 Tablets Pack
गंभीर कब्ज को दूर करे: यह पेट के शुद्धिकरण के लिए सबसे असरदार दवा मानी जाती है।
Himalaya Ashwagandha
अश्वगंधा श्वेत रक्त कोशिकाओं को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाता है जिससे एंटीबॉडी कार्य को मज़बूत करके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
Dabur Ashwagandha Tablets
प्रतिरक्षा को बढ़ाता है: अश्वगंधा शरीर में WBC को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जिससे संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली की ताकत बढ़ जाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. क्या इच्छाभेदी रस का कोई साइड इफेक्ट है? हाँ, अधिक मात्रा में या बिना चिकित्सकीय सलाह के लेने पर पेट में ऐंठन, दस्त, या गंभीर निर्जलीकरण हो सकता है।
2. इसे कितने दिनों तक लेना चाहिए? यह एक अल्पकालिक औषधि है। इसका सेवन सिर्फ एक बार पेट साफ करने के लिए किया जाता है, इसे लगातार नहीं लेना चाहिए।
3. क्या इच्छाभेदी रस को महिलाएं ले सकती हैं? गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
इच्छाभेदी रस एक बहुत ही शक्तिशाली और उपयोगी औषधि है, लेकिन इसका उपयोग अत्यंत सावधानी के साथ ही करना चाहिए। यह गंभीर कब्ज और अन्य पेट से संबंधित समस्याओं में तुरंत राहत दे सकता है। इसे हमेशा एक अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह और देखरेख में ही लेना चाहिए।
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस वेबसाइट पर प्रदान की गई सभी जानकारी, प्रयोग और उपाय केवल पारंपरिक ज्ञान, लोक मान्यताओं और सूचनात्मक उद्देश्य के लिए हैं।
परिणामों की कोई गारंटी नहीं: किसी भी औषधि, मंत्र या उपाय का फल व्यक्ति की अपनी शारीरिक प्रकृति, आस्था और कर्म पर निर्भर करता है। हम किसी भी प्रयोग से निश्चित परिणाम प्राप्त होने की कोई गारंटी नहीं देते हैं।
चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं: यह जानकारी किसी भी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर या डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी गंभीर बीमारी के लिए या औषधीय प्रयोग शुरू करने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
उत्तरदायित्व की सीमा: इस जानकारी का उपयोग पाठक अपने विवेक और जोखिम पर करें। किसी भी प्रकार की संभावित शारीरिक, मानसिक या आर्थिक हानि के लिए हमारी या लेखक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी