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आज हम आपको आयुर्वेद की एक ऐसी अद्भुत औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप घर पर आसानी से तैयार कर सकते हैं. यह है गोक्षुर पाक (Gokshura Pak), जिसे गोखरू पाक के नाम से भी जाना जाता है. यह विशेष रूप से मूत्र संबंधी समस्याओं (UTI), यौन स्वास्थ्य और शारीरिक बल बढ़ाने के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है. इस पाक को बनाने में मुख्य रूप से शुद्ध भांग के पत्ते और कई अन्य शक्तिशाली जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया जाता है. इस पोस्ट में हम आपको इसे बनाने का पूरा तरीका, इसके फायदे, उपयोग की विधि और सावधानियों के बारे में विस्तार से बताएंगे. तो आइए, इस बेहतरीन औषधि के बारे में सब कुछ जानें!
गोक्षुर/गोखरू: परिचय और विभिन्न नाम 🌿
गोक्षुर, जिसे आमतौर पर गोखरू के नाम से जाना जाता है, आयुर्वेद की एक प्रमुख जड़ी-बूटी है.
- वानस्पतिक नाम (Scientific Name): Tribulus terrestris
- अन्य नाम:
- संस्कृत: गोक्षुर, त्रिकंटक (तीन कांटों वाला), इक्षुगन्धा, श्वाडुदंष्ट्रा.
- हिंदी: गोखरू, गोखुरी.
- अंग्रेजी: Caltrop, Puncture Vine, Goat’s Head.
- पहचान: गोखरू के फल त्रिकोणीय होते हैं और उन पर तीन कांटे होते हैं, इसी कारण इसे ‘त्रिकंटक’ भी कहा जाता है.
- उपलब्धता: यह पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है, विशेषकर राजस्थान में इसकी प्रचुरता है. इसकी दो किस्में होती हैं – छोटा गोखरू और बड़ा गोखरू. दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं.
आयुर्वेदिक ग्रंथों में गोखरू का महत्व
आयुर्वेदिक संहिताओं में गोखरू को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में वर्णित किया गया है. यह मुख्य रूप से अपने मूत्रल (diuretic), बल्य (tonic), वृष्य (aphrodisiac), और वात-पित्त शामक (pacifies Vata and Pitta) गुणों के लिए जाना जाता है.
- प्रमुख ग्रंथ उल्लेख: गोक्षुर पाक का विस्तृत वर्णन योग तरंगिणी में मिलता है. इसके अलावा, बृहत् योग तरंगिणी, योग चिंतामणि और वैद्य रत्नाकर जैसे प्रतिष्ठित ग्रंथों में भी इसका उल्लेख किया गया है. हालांकि, इन ग्रंथों में उपयोग की गई सामग्री और उनकी मात्रा में थोड़ा अंतर हो सकता है.
- औषधीय प्रयोग: ग्रंथों के अनुसार, गोखरू का प्रयोग दमा (Asthma), श्वास रोग (Respiratory issues), पाचन शक्ति में सुधार (Digestive disorders), अतिसार (Diarrhea), मूत्रकृच्छ्र (Painful urination), अश्मरी (Kidney stones), बांझपन (Infertility), आमवात (Rheumatism), वाजीकरण (Sexual debility) और चर्म रोग (Skin diseases) आदि में अत्यंत लाभकारी बताया गया है. 🌟
गोक्षुर पाक: सामग्री और बनाने की विधि
गोक्षुर पाक एक शक्तिवर्धक औषधि है जिसे विशेष सामग्री और विधि से तैयार किया जाता है.
आवश्यक सामग्री:
मुख्य सामग्री:
- गोखरू चूर्ण: 1 शेर (लगभग 1 किलोग्राम)
- गाय का दूध: 4 लीटर
- शुद्ध गाय का घी: 500 ग्राम (आधा किलो)
- सीता मिश्री (धागे वाली मिश्री): सभी औषधियों के कुल वजन के बराबर (लगभग 1 किलोग्राम)
- शुद्ध किए हुए भांग के पत्ते का चूर्ण: गोखरू चूर्ण की आधी मात्रा (लगभग 500 ग्राम)
प्रक्षेप द्रव्य (अन्य औषधियां) – प्रत्येक 10-10 ग्राम (या बराबर मात्रा में):
- खेरसा (कत्था)
- लौंग
- लौह बसंत (किसी अच्छी कंपनी का)
- काली मिर्च
- कपूर (खाने वाला / भीमसेनी कपूर)
- सफेद आक की जड़
- समुद्र शोष
- जीरा (दोनों तरह का, या साधारण जीरा और सोआ/सतपुष्पा बीज/शाहजीरा)
- हल्दी
- सूखा आंवला
- पीपली (छोटी पीपली)
- नागकेसर
- जावित्री
- जायफल
- अजवाइन
- खस
- सोंठ
- करंज फल की गिरी (करंज के फल के अंदर की मिंगी)
बनाने की विधि:
- जड़ी-बूटियों की तैयारी:
- सबसे पहले सभी प्रक्षेप द्रव्यों को अलग-अलग लेकर अच्छे से कूट-पीसकर बारीक चूर्ण बना लें. pulverize
- भांग के पत्तों को पहले से शुद्ध कर लें. शुद्ध भांग के पत्तों का चूर्ण बना लें. (शुद्ध करने की विधि के लिए आप हमारे पुराने वीडियो का संदर्भ ले सकते हैं, यदि आपने देखा नहीं है).
- मावा बनाना:
- एक बड़ी कड़ाही में गाय का दूध लेकर उसे हल्का गर्म करें.
- जब दूध गर्म हो जाए, तो उसमें गोखरू का चूर्ण डालकर अच्छी तरह मिला लें.
- इसे धीमी आंच पर पकाते रहें और लगातार चलाते रहें, जब तक कि यह गाढ़ा होकर मावा (खोया) न बन जाए.
- गोखरू मावा भूनना:
- जब मावा तैयार हो जाए, तो इसमें शुद्ध गाय का घी डालें.
- घी के साथ गोखरू मावे को अच्छी तरह से भूनें, जब तक कि यह हल्का सुनहरा और सुगंधित न हो जाए.
- मिश्री की चाशनी बनाना:
- एक अलग बर्तन में सीता मिश्री लें और उसमें लगभग 250-300 मिलीलीटर पानी डालकर धीमी आंच पर गर्म करें. (पानी की मात्रा आवश्यकतानुसार कम या ज़्यादा हो सकती है, यह अग्नि पर निर्भर करता है).
- दो तार की गाढ़ी चाशनी बनाएं. चाशनी को थोड़ा गाढ़ा (पाक जैसी) रखें.
- चाशनी तैयार होने पर, इसे कपड़े से अच्छी तरह छान लें ताकि धागे और अशुद्धियाँ निकल जाएं. 🕸️
- सामग्री को मिलाना:
- कड़ाही में भुने हुए गोखरू मावे को दोबारा हल्का गर्म करें.
- इसमें तैयार मिश्री की चाशनी डालकर अच्छी तरह मिला लें.
- सबसे अंत में, सभी पीसे हुए प्रक्षेप द्रव्यों और शुद्ध भांग के पत्तों का चूर्ण इसमें डालकर अच्छी तरह मिलाएं.
- अच्छे से मिक्स करने के बाद, आप इसे चक्कियों (टिक्की) के रूप में बनाकर रख सकते हैं.
गोक्षुर पाक के अद्भुत फायदे और उपयोग
गोक्षुर पाक एक बहुमुखी औषधि है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है:
- वात-पित्त शामक: यह शरीर में बढ़े हुए वात और पित्त दोषों को शांत करने में मदद करता है, जिससे कई संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है. 🌬️🔥
- वेदनानाशक: यह शरीर में दर्द को कम करने में सहायक है.
- मूत्रजनन और मूत्राशय शोधन: यह मूत्र प्रवाह को बढ़ाता है और मूत्राशय को शुद्ध करता है, जिससे मूत्र संबंधी संक्रमण (UTI), पेशाब में जलन और पथरी जैसी समस्याओं में बहुत प्रभावी है.
- बल्य और पौष्टिक: यह शरीर को बल प्रदान करता है, कमजोरी दूर करता है और शारीरिक पुष्टि करता है. जो लोग एथलीट हैं, धावक हैं या बढ़ती उम्र के साथ कमजोरी महसूस कर रहे हैं, उनके लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है.
- वीर्य स्तंभक और वाजीकारक: यह यौन शक्ति को बढ़ाने, वीर्य को गाढ़ा करने और कामेच्छा में वृद्धि करने में अत्यंत प्रभावी है. यह यौन संबंधी समस्याओं में बहुत अच्छा काम करता है.
- दीपन और पाचन सुधारक: यह पाचन अग्नि को बढ़ाता है और भूख में सुधार करता है. 🍽️
- अन्य उपयोग: दमा, श्वास रोग, अतिसार, अश्मरी, बांझपन, आमवात और चर्म रोगों में भी इसका पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता है.
उपयोग की विधि और मात्रा:
- मात्रा: इस औषधि की एक चक्की (टिक्की) का सेवन प्रतिदिन सुबह करें.
- अनुपान: सेवन के बाद एक गिलास दूध पी सकते हैं. 🥛
- अवधि: नियमित सेवन से आपको निश्चित रूप से बहुत अच्छे फायदे मिलेंगे.
सावधानियां और महत्वपूर्ण जानकारी
यद्यपि गोक्षुर पाक एक सुरक्षित औषधि है, फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
- दुष्प्रभाव: सामान्यतः इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे जाते, लेकिन व्यक्तिगत प्रकृति के अनुसार भिन्नता हो सकती है.
- सावधानियां:
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसके सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.
- गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाले व्यक्तियों को भी सेवन से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.
- भांग के पत्तों का शुद्धिकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है; अशुद्ध भांग का उपयोग हानिकारक हो सकता है.
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वीडियो देखें: गोक्षुर पाक कैसे बनाएं
दोस्तों, इस औषधि को और बेहतर तरीके से समझने और इसे बनाने की पूरी प्रक्रिया को देखने के लिए आप हमारे वीडियो को ज़रूर देखें. इसमें हमने आपको गोक्षुर पाक बनाने का एक-एक चरण विस्तार से बताया है.
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) ✅
- Q1: गोक्षुर पाक क्या है?
- A: गोक्षुर पाक गोखरू (ट्रिब्यूलस टेरेस्ट्रिस) और अन्य जड़ी-बूटियों, दूध और घी से बना एक पारंपरिक आयुर्वेदिक शक्तिवर्धक है.
- Q2: गोक्षुर पाक के मुख्य फायदे क्या हैं?
- A: यह मुख्य रूप से मूत्र संबंधी समस्याओं, यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद करता है.
- Q3: गोक्षुर पाक का सेवन कैसे करें?
- A: आमतौर पर इसकी एक चक्की सुबह खाली पेट या नाश्ते के बाद दूध के साथ लेने की सलाह दी जाती है. सही मात्रा के लिए चिकित्सक से परामर्श करें.
- Q4: क्या गोक्षुर पाक के कोई दुष्प्रभाव हैं?
- A: यदि सही मात्रा में लिया जाए तो इसके आमतौर पर कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएँ भिन्न हो सकती हैं. गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों को चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए.
- Q5: क्या बच्चे गोक्षुर पाक का सेवन कर सकते हैं?
- A: बच्चों के लिए किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग चिकित्सक की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए.
हम आशा करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी. https://www.JangliMedicine.com आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता है. यदि आप किसी और औषधि या आयुर्वेदिक उपचार पर जानकारी चाहते हैं, तो कृपया नीचे टिप्पणी में बताएं.