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Toggle✅ परिचय
अर्श कुठार रस एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है जिसका मुख्य कार्य अर्श यानी बवासीर को खत्म करना है। यह औषधि सूखी और खूनी, दोनों तरह की बवासीर में समान रूप से प्रभावी मानी जाती है। बवासीर के अलावा, यह हृदय और मस्तिष्क को भी शक्ति प्रदान करती है, पाचन तंत्र को सुधारती है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है। इसमें मौजूद लोह भस्म के कारण यह खून की कमी को भी पूरा करने में सहायक होती है।
✅ औषधि की पहचान / नाम
अर्श कुठार रस एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है जिसे कई प्रसिद्ध आयुर्वेदिक कंपनियाँ बनाती हैं। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है, “अर्श” का अर्थ है बवासीर और “कुठार” का अर्थ है कुल्हाड़ी। यह औषधि बवासीर को जड़ से काटने का काम करती है।
मुख्य घटक द्रव्य:
यह कई शक्तिशाली आयुर्वेदिक घटकों के मिश्रण से बनता है, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
शुद्ध पारा
शुद्ध गंधक
लोह भस्म (खून बढ़ाने के लिए)
अभ्रक भस्म (हृदय और मस्तिष्क को बल देने के लिए)
बेलगिरी
चित्रकमूल
सोंठ, मिर्च, पीपल (त्रिकटु)
सैंधा नमक
गोमूत्र (भावना के लिए)
थूहर का दूध (भावना के लिए)
✅ गुणधर्म / फायदे
अर्श कुठार रस के नियमित सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं:
बवासीर का इलाज: यह बवासीर की समस्या में सबसे प्रभावी मानी जाती है। यह मल त्याग में आने वाली रुकावट को खत्म करती है और मलाशय में सूजन और दर्द को कम करती है।
एनीमिया में लाभ: इसमें लोह भस्म होने के कारण यह शरीर में खून की कमी को दूर करती है और हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाती है।
हृदय और मस्तिष्क को मजबूती: अभ्रक भस्म की मौजूदगी के कारण यह औषधि हृदय और मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करती है, जिससे शरीर का समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है।
यकृत को बल: इसमें चित्रकमूल जैसे घटक होते हैं जो यकृत (liver) के कार्य को मजबूत करते हैं और पाचन तंत्र को सुधारते हैं।
पाचन में सुधार: यह औषधि शरीर से आम विष (टॉक्सिन्स) को बाहर निकालती है और मल का शुद्धिकरण करके पाचन क्रिया को आसान बनाती है।
✅ सेवन विधि / मात्रा
मात्रा: 1 से 2 गोली दिन में एक बार (सुबह)।
अनुपान: इस औषधि का सेवन कुटजावलेह, गुलकंद या सामान्य जल के साथ किया जा सकता है।
परामर्श: सेवन से पहले किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य की सलाह अवश्य लें।
✅ सावधानियाँ
गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को इस औषधि का सेवन चिकित्सक की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।
मात्रा: निर्धारित मात्रा से अधिक सेवन न करें, क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है।
भंडारण: इसे नमी से दूर और ठंडी जगह पर रखें।
✅ रोगानुसार प्रयोग तालिका
| रोग/समस्या | लाभ और प्रभाव |
| बवासीर (सूखी और खूनी) | गुदा और मलाशय की सूजन को कम करता है, मल त्याग में मदद करता है और रक्तस्राव रोकता है। |
| एनीमिया | लोह भस्म के कारण खून की कमी को पूरा करता है और हीमोग्लोबिन बढ़ाता है। |
| पाचन की समस्या | यकृत को बल प्रदान कर पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज से राहत देता है। |
| हृदय और मस्तिष्क की कमजोरी | अभ्रक भस्म के कारण इन अंगों को मजबूती देता है। |
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✅ FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. अर्श कुठार रस का मुख्य उपयोग क्या है? Ans: इसका मुख्य उपयोग बवासीर (अर्श) का इलाज करना है। यह सूखी और खूनी दोनों तरह की बवासीर में फायदेमंद है।
Q2. क्या इसका सेवन गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं? Ans: गर्भवती महिलाओं को बिना चिकित्सक की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
Q3. यह किस प्रकार की बीमारियों में मदद करता है? Ans: यह बवासीर, एनीमिया, पाचन संबंधी समस्याओं और यकृत की कमजोरी में मदद करता है।
✅ निष्कर्ष + CTA
अर्श कुठार रस बवासीर जैसी गंभीर और कष्टदायक समस्या के लिए एक प्रभावी और समय-सिद्ध आयुर्वेदिक समाधान है। यह न केवल बवासीर को खत्म करता है, बल्कि शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों जैसे हृदय, मस्तिष्क और यकृत को भी शक्ति प्रदान करता है।
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✅ Disclaimer
कृपया ध्यान दें: यह जानकारी केवल शैक्षिक और ज्ञानवर्धक उद्देश्यों के लिए दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य आयुर्वेदाचार्य या चिकित्सक की सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी जड़ी-बूटी या आयुर्वेदिक औषधि का सेवन शुरू करने से पहले, अपनी स्वास्थ्य स्थिति और ज़रूरतों के अनुसार व्यक्तिगत सलाह के लिए किसी प्रमाणित आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या के लिए स्वयं निदान (self-diagnosis) या स्व-उपचार (self-medication) न करें।
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सुनील गौर एक स्वास्थ्य उत्साही और ‘जंगली मेडिसिन’ के पीछे की आवाज हैं। उनका मिशन आयुर्वेद के प्राचीन और शक्तिशाली ज्ञान को फिर से खोजकर आम लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना है, ताकि हर कोई प्रकृति की शक्ति का लाभ उठा सके।